MGNREGA Yojana : मनरेगा योजना देश के गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई थी और अब यह राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक राज्य की सरकार द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार प्रदान किया जाता है ताकि उन्हें अपने गांव से दूर जाकर रोजगार के लिए प्रयास नहीं करना पड़े। यह योजना देश के करोड़ों नागरिकों को लाभ प्रदान कर चुकी है।
मनरेगा योजना के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर नौकरियों की व्यवस्था होती है। इस योजना के तहत जॉब कार्ड जारी किए जाते हैं, जिनके धारकों को ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार प्रदान किया जाता है। यह योजना गरीबों, जैसे दलित, आदिवासी और महिलाओं की सहायता करने के लिए बनाई गई है।
मनरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करना है जो लोगों को अपने गांव में ही रोजगार मिलने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह योजना गांव के विकास को भी प्रोत्साहित करती है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
यदि कोई व्यक्ति मनरेगा योजना के लिए आवेदन करना चाहता है, तो उन्हें अपने गांव के ग्राम पंचायत में जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज होते हैं, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता विवरण आदि। इसके अलावा, जॉब कार्ड के लिए भी आवेदन किया जा सकता है, जो कि रोजगार प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता है।
मनरेगा योजना के अंतर्गत नौकरियों का चयन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है और नौकरी की अवधि 100 दिनों तक होती है। नौकरियों के लिए मजदूरों को न्यूनतम मानदंडों के अनुसार वेतन दिया जाता है।
मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ, यह ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह योजना गांव के बुनियादी सुविधाओं, जैसे सड़कें, पानी की सुविधा, बिजली आदि के विकास के लिए भी ध्यान देती है।
इस तरह से, मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति को सुधारने के साथ-साथ, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को भी बढ़ावा देती है।
MGNREGA Yojana 2023
मनरेगा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई रोजगार गारंटी योजना है। यह योजना विधानसभा में 7 सितंबर 2005 को पारित की गई थी और 2 फरवरी 2006 को 200 जिलों में शुरू की गई थी। इसे शुरूआत में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा NREGA) के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2 अक्टूबर 2009 को इसका नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में बदल दिया गया।
मनरेगा योजना दुनिया की एकमात्र योजना है जो नागरिकों को 100 दिनों की रोजगार गारंटी प्रदान करती है। इस योजना से देश के गरीब और बेरोजगार परिवारों को आजीविका के लिए मदद मिलती है। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2010-11 में 40,100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। इस योजना के माध्यम से कमजोर आय वर्ग के लोगों को उनकी ग्राम पंचायत में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, जिससे उन्हें पलायन से बचाया जा सकता है। इस योजना के तहत व्यक्ति को सबसे पहले पंजीयन करवाना होता है और उसके बाद MGNREGA जॉब कार्ड दिया जाता है। MGNREGA जॉब कार्ड के माध्यम से कार्ड धारक को 100 दिनों की रोजगार गारंटी प्राप्त होती है।
मनरेगा योजना 2023 के बारे में जानकारी
योजना का नाम | MGNREGA Yojana |
शुरू की गई | भारत सरकार द्वारा |
योजना का आरंभ | 2 फरवरी 2006 |
लाभार्थी | देश के बेरोजगार नागरिक |
उद्देश्य | ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को निवास स्थान के समीप रोजगार प्रदान करना |
लाभ | 100 दिन का रोजगार गारंटी |
श्रेणी | केंद्र सरकार योजना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | https://nrega.nic.in/netnrega/ |
MGNREGA Yojana का उद्देश्य kya hai
मनरेगा योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार द्वारा ग्रामीण नागरिकों को उनके निवास स्थान के समीप ही 100 दिन का रोजगार प्रदान करना है। इससे ग्रामीणों की आजीविका के आधार को मजबूत कर उनका सामाजिक समावेश सुनिश्चित किया जा सकता है और साथ ही इस योजना के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार प्रदान कर अन्य शहरों में होने वाले पलायन को रोकना है। इस योजना के तहत ग्रामीण गरीबों के आजीविका के आधार को मजबूत कर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य समाज के कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में सम्मिलित करना है और भारत में पंचायती राज प्रतिष्ठानों को और मजबूती प्रदान करना है।
मनरेगा जॉब कार्ड क्या है?
मनरेगा जॉब कार्ड रोजगार प्राप्त करने के लिए प्राथमिक दस्तावेज होता है। यह श्रमिक व्यक्ति की पहचान करता है। मनरेगा जॉब कार्ड मनरेगा योजना के तहत स्थानीय ग्राम पंचायत के साथ रजिस्टर्ड होता है। इस जॉब कार्ड में रजिस्टर्ड व्यक्ति का नाम, नरेगा रजिस्ट्रेशन नंबर, घर में आवेदकों की जानकारी इत्यादि दी गई होती है। नरेगा जॉब कार्ड श्रमिक के अधिकारों को दस्तावेजी प्रमाण पत्र के रूप में भी कार्य करता है। ग्रामीण परिवारों के नागरिकों को नरेगा जॉब कार्ड स्थानीय क्षेत्र में ग्राम पंचायत में काम करने के लिए आवेदन की अनुमति देता है और प्रक्रियाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है ताकि श्रमिकों के साथ धोखाधड़ी ना हो सके। नरेगा जॉब कार्ड का उपयोग आप बैंक खाता खोलने के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस में KYC को पूरा करने के लिए भी किया जा सकता है।
MGNREGA Yojana के प्रावधान
- मनरेगा योजना के अंतर्गत शहर से दूर रहने वाले गरीब परिवारों को 100 दिनों तक रोजगार प्रदान किया जाता है।
- यदि किसी को 14 दिनों से अधिक के लिए रोजगार नहीं मिलता है
- तो उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। शहर से दूर रहने वाले लोगों को समितियों के माध्यम से रोजगार प्रदान कर उनके पलायन से रोका जाना चाहिए।
- मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले श्रमिकों को जॉब कार्ड जारी किया जाता है और महिलाओं को भी काम में शामिल किया जाता है।
- इस योजना के अंतर्गत पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी 1/3 आरक्षण दिया जाता है।
- मनरेगा योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है।
- यदि श्रमिक की काम करने की जगह उसके घर से 5 किलोमीटर से अधिक दूर होती है, तो श्रमिक को निर्धारित पारिश्रमिक से 10 प्रतिशत से अधिक मजदूरी दी जाती है।
- हर राज्य में श्रमिकों को अलग-अलग मजदूरी दी जाती है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण गरीबों की आजीविका को मजबूत करने के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है।
मनरेगा योजना के अंतर्गत कौन-कौन से काम किए जाते हैं?
मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के काम किए जाते हैं जिनमें शामिल हैं:
- जल संरचनाएं बनाना, जैसे तालाब, नहर, जल संचयन और जल संरक्षण के लिए पाइपलाइन आदि।
- भूमि संरक्षण के लिए आवासीय हाइवे, ग्रामीण सड़क, विद्युतीकरण, इंटरलॉकिंग टाइल आदि जैसे कामों का निर्माण।
- वन संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, नदी बेड संरक्षण, आदि जैसे कामों का निर्माण।
- कृषि के लिए समृद्धि और विकास के लिए जमीन सुधार जैसे कामों का निर्माण।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए शौचालय, गांवों की सफाई, नगरीय कचरा प्रबंधन, आदि जैसे कामों का निर्माण।
इन सभी कामों के लिए श्रमिकों को नियोजित किया जाता है और उन्हें उचित मजदूरी भी दी जाती है।
मनरेगा जॉब कार्ड में शामिल जानकारी
मनरेगा जॉब कार्ड एक पहचान पत्र होता है जो कि महत्वपूर्ण होता है यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में जॉब के लिए नौकरी करने वाले मजदूरों को जारी किया जाता है। यह एक संगठित दस्तावेज होता है जो कि मनरेगा योजना के अंतर्गत रोजगार प्रदान करने वाले सभी राज्यों में मान्य होता है।
मनरेगा जॉब कार्ड में क्या जानकारी होती है?
मनरेगा जॉब कार्ड में निम्नलिखित जानकारी होती है:
- श्रमिक का नाम: जॉब कार्ड में श्रमिक का पूरा नाम लिखा होता है।
- पिता / पति का नाम: श्रमिक के पिता या पति का पूरा नाम लिखा होता है।
- उम्र: श्रमिक की उम्र जॉब कार्ड में लिखी होती है।
- जाति: श्रमिक की जाति जॉब कार्ड में लिखी होती है।
- लिंग: श्रमिक का लिंग जॉब कार्ड में लिखा होता है।
- आधार नंबर: श्रमिक का आधार नंबर जॉब कार्ड में लिखा होता है।
- बैंक खाता नंबर: श्रमिक का बैंक खाता नंबर जॉब कार्ड में लिखा होता है।
- रोजगार शुरू करने की तारीख: श्रमिक का रोजगार शुरू करने की तारीख जॉब कार्ड में लिखी होती है।
- काम का प्रकार: श्रमिक की नियुक्ति किस प्रकार के काम के लिए हुई है, जैसे भूमि संरक्षण, जल संरचना, ग्रामीण सड़क निर्माण आदि।
- मजदूरी: श्रमिक को उसकी मजदूरी का विवरण जॉब कार्ड में लिखा होता है।
मनरेगा जॉब कार्ड की आवश्यकता क्यों होती है?
मनरेगा जॉब कार्ड की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि इसके बिना मजदूरों को मनरेगा योजना के अंतर्गत रोजगार नहीं मिल सकता। जॉब कार्ड में श्रमिक की पहचान होती है जिससे उसे रोजगार के लिए नियुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा, जॉब कार्ड में निर्दिष्ट मजदूरी भी लिखी होती है जिससे श्रमिक को अधिकार होता है कि उसे उचित मजदूरी मिले। जॉब कार्ड की मदद से सरकार भी यह जान सकती है कि किस क्षेत्र में कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है और कितने लोगों को अभी तक रोजगार नहीं मिला है।
मनरेगा जॉब कार्ड कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
मनरेगा जॉब कार्ड प्राप्त करने के लिए आपको अपने ग्राम पंचायत में जाकर आवेदन करना होगा। आपको अपने नाम, पता, आधार नंबर, जाति, उम्र, लिंग आदि की जानकारी देनी होगी और फिर आपको जॉब कार्ड जारी किया जाएगा। जॉब कार्ड के लिए कोई फीस नहीं होती है और इसे प्राप्त करने में कोई भी शुल्क नहीं होता है।
इसके अलावा, आप मनरेगा जॉब कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको सरकार द्वारा निर्धारित वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा।
MGNREGA Job Card के लिए पात्रता
MGNREGA जॉब कार्ड के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड होते हैं:
- नागरिकता: आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आय: आवेदक की आय न्यूनतम निर्धारित सीमा से कम होनी चाहिए। न्यूनतम आय सीमा राज्य और क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग होती है।
- जाति: आवेदक की जाति अनुसार रोजगार देने के लिए कुछ आरक्षण होता है।
- उम्र: आवेदक का उम्र 18 वर्ष से अधिक होना चाहिए।
- बैंक खाता: आवेदक के पास एक बैंक खाता होना चाहिए।
- ग्रामीण क्षेत्र में निवास: MGNREGA जॉब कार्ड केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए होता है। शहरी क्षेत्रों के लोग इसके लिए पात्र नहीं होते हैं।
इसके अलावा, आवेदक को यह भी ध्यान देना चाहिए कि वह MGNREGA कार्यक्रम के तहत निर्धारित काम करने के लिए तैयार होना चाहिए। इसमें शामिल हो सकते हैं बागवानी, भूमि संरक्षण, जल संरचना, ग्रामीण सड़क निर्माण आदि।
अधिक जानकारी के लिए, आप अपने निकटतम ग्राम पंचायत या नरेगा कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
मनरेगा आवश्यक दस्तावेज
MGNREGA जॉब कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड: आधार कार्ड जरूरी होता है। यदि आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आप अन्य सरकारी ई-आईडी प्रमाणित कर सकते हैं।
- आवेदन पत्र: आवेदन पत्र जिसमें व्यक्तिगत विवरण और बैंक खाता जानकारी होती है।
- आय प्रमाण पत्र: इसमें आपकी आय की जानकारी होती है।
- जाति प्रमाण पत्र: यदि आप आरक्षित श्रेणी से हैं, तो जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
- बैंक खाता नंबर: आपका खाता नंबर और बैंक का नाम आपके आवेदन में शामिल होना चाहिए।
- फोटोग्राफ: आपका फोटोग्राफ आवेदन में शामिल होना चाहिए।
इसके अलावा, अलग-अलग राज्यों द्वारा अन्य दस्तावेजों की भी आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, आपको अपने निकटतम ग्राम पंचायत या नरेगा कार्यालय में संपर्क करना चाहिए और आवश्यक दस्तावेजों की सूची प्राप्त करनी चाहिए।
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अपने होम पेज पर, आपको “ग्राम पंचायत” सेक्शन में जाना होगा और वहां “रिपोर्ट जनरेट करें” विकल्प पर क्लिक करना होगा। जैसे ही आप क्लिक करेंगे, आपके सामने सभी राज्यों की सूची दिखाई देगी।
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अब आपके सामने जॉब कार्ड के लिए पंजीकरण फॉर्म खुलेगा। इसमें आपको जानकारी भरनी होगी जैसे गांव का नाम, परिवार के मुखिया का नाम, आवेदक का नाम, उम्र, मकान संख्या, वर्ग, पंजीकरण तिथि, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर आदि।
सभी जानकारी भरने के बाद, आपको “Submit” बटन पर क्लिक करना होगा। इस प्रकार, आपका मनरेगा जॉब कार्ड के लिए आवेदन पूरा हो जाएगा।
मनरेगा योजना भारत में कब शुरू हुई?
मनरेगा योजना भारत में 2 फरवरी 2006 को शुरू हुई थी। यह योजना पूरे देश में लागू होती है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करती है। इस योजना के तहत स्थानीय स्तर पर काम करने के लिए धनराशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में जीवनस्तर को बेहतर बनाने और सामाजिक असमानताओं को कम करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
मनरेगा की शुरुआत कहाँ से हुई?
भारतीय संसद द्वारा पारित 2 फरवरी 2006 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) की शुरुआत “प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेसी अध्यक्ष सोनिया गांधी “ने इसकी शुरुआत आंध्र प्रदेश के अनंतपुर मैं की थी। पहले चरण में इसे देश की 200 सबसे पिछड़े जिलों में लागू किया गया था।
मनरेगा की शुरुआत कौन से राज्य से हुई?
आपकी जानकारी सही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) 2005 को भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया था और इसे 2 फरवरी 2006 से लागू किया गया था। इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जीवनस्तर को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इस अधिनियम का नाम बाद में 2 अक्टूबर 2009 को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) कर दिया गया था।